ऑनलाइन फ्रॉड कैसे होता है | Online Fraud Kaise Hota Hai

ऑनलाइन फ्रॉड कैसे होता है 

अक्सर हम न्यूज़ में सुनते या पढ़ते है की ऑनलाइन स्केम में लोगो ने हजारों गवा दिए लेकिन क्आया आपने कभी सोचा है कि ऑनलाइन फ्परॉड कैसे होता है?

ऑनलाइन फ्रॉड अब केवल tech-savvy लोगों तक सीमित नहीं है; ये हर इंसान को अपना शिकार बना सकता है। अपराधी नई-नई तरकीब निकाल रहे हैं जिससे लोग भरोसा कर लें और अपनी personal details या hard-earned पैसे खो दें।

इस ब्लॉग में हम आपको step-by-step बताएंगे कि online fraud कैसे होते हैं, उनके सबसे आम तरीके कौन-से हैं, और आप खुद को और अपने परिवार को इसे कैसे सुरक्षित रख सकते हैं।

ऑनलाइन फ्रॉड क्या है और क्यों बढ़ रहा है?

ऑनलाइन फ्रॉड एक ऐसा तरीका है, जिसमें साइबर अपराधी इंटरनेट के जरिए लोगों को धोखा देते हैं और उनकी personal details या पैसे चुरा लेते हैं। इसमें फर्जी ईमेल, नकली वेबसाइट, फेक कॉल्स और मैसेज के जरिए लोगों को फंसाया जाता है।

जैसे-जैसे लोग ज्यादा समय मोबाइल और इंटरनेट पर बिता रहे हैं, वैसे-वैसे online fraud के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। अपराधी नई-नई तकनीक अपनाकर लोगों को जाल में फंसाते हैं। अक्सर वे emotional traps या urgent offers का इस्तेमाल करते हैं ताकि लोग जल्दबाजी में अपनी जानकारी शेयर कर दें।

आज के डिजिटल दौर में online banking, UPI और social media का इस्तेमाल बढ़ गया है। इसी वजह से साइबर अपराधियों के पास ठगी करने के ज्यादा मौके हैं। इसलिए यह समझना जरूरी है कि ये फ्रॉड कैसे होते हैं और उनसे बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए।

ऑनलाइन फ्रॉड के प्रकार (Types of Online Frauds)

Phishing Scam कैसे होता है?

Phishing एक ऐसा फ्रॉड है जिसमें अपराधी आपको फर्जी ईमेल, SMS या लिंक भेजते हैं। ये लिंक असली वेबसाइट की तरह दिखते हैं लेकिन जैसे ही आप अपनी personal details डालते हैं, वो सीधे उनके पास चली जाती है। इस तरह वे आपके बैंक अकाउंट या अन्य खातों को खाली कर सकते हैं।

OTP Frauds और UPI Scam कैसे होते हैं?

अक्सर फ्रॉड करने वाले कॉल करके कहते हैं कि आपके खाते में कुछ गड़बड़ है और OTP मांगते हैं। जैसे ही आप OTP शेयर करते हैं, वे आपके खाते से पैसे निकाल लेते हैं। UPI PIN शेयर करना भी इसी तरह का बड़ा खतरा है।

 Fake Shopping Websites और App Frauds

फर्जी shopping websites पर भारी discounts के नाम पर लोग सामान ऑर्डर कर देते हैं, लेकिन सामान कभी आता ही नहीं। कई बार fake apps भी आपके फोन में malware डाल देते हैं और personal information चोरी कर लेते हैं।

 Job Frauds और Lottery Scams

नकली job offers के जरिए registration fees या processing charges के नाम पर पैसे ऐंठ लिए जाते हैं। इसी तरह fake lottery जीतने का झांसा देकर भी लोग लाखों का नुकसान कर बैठते हैं।

ऑनलाइन फ्रॉड की पहचान कैसे करें?

  • संदिग्ध ईमेल और लिंक पर क्लिक न करें: अगर किसी ईमेल में आपको urgent action लेने को कहा जाए या कोई अनजान लिंक भेजा जाए, तो सावधान हो जाइए। फर्जी ईमेल अक्सर असली कंपनियों की तरह दिखते हैं लेकिन उनका address थोड़ा अलग होता है। ऐसे लिंक पर क्लिक करने से आपकी personal details चोरी हो सकती हैं।
  • फोन कॉल्स और मैसेज पर निजी जानकारी शेयर न करें: अपराधी खुद को बैंक अधिकारी या सरकारी कर्मचारी बताकर आपका OTP, PIN या पासवर्ड मांग सकते हैं। याद रखें, कोई भी बैंक या कंपनी फोन पर इस तरह की जानकारी नहीं मांगती।
  • फेक वेबसाइट्स और Apps की पहचान करें: Shopping या payment करते समय वेबसाइट के URL पर ध्यान दें। असली वेबसाइट https से शुरू होती है और उसके बगल में एक लॉक का symbol दिखता है। फर्जी apps अक्सर ज्यादा permissions मांगते हैं जिन्हें approve करने से आपका डाटा चोरी हो सकता है।

ऑनलाइन फ्रॉड होने पर क्या करें?

  1. तुरंत बैंक और ऐप्स को सूचना दें
    अगर आपके बैंक अकाउंट से पैसे कट गए हैं या किसी payment app से unauthorized transaction हुआ है, तो तुरंत बैंक के customer care पर कॉल करें। अपना कार्ड block करवाएं और ऐप में मौजूद “Report Fraud” फीचर का उपयोग करें।
  2. Cyber Crime Portal पर शिकायत दर्ज करें
    भारत सरकार ने online धोखाधड़ी की शिकायत के लिए cybercrime.gov.in पोर्टल लॉन्च किया है। यहां आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं और जरूरी दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं।
  3. सेबी में कंप्लेंट करें
    अगर ऑनलाइन फ्रॉड investment से जुड़े सिलसिले में या रजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर या एडवाइजर कि वजह से हुई है तो उस स्थिति में आप सेबी में कंप्लेंट कर सकते है। सेबी के SCORES पर रजिस्टर कर आप अपनी शिकायत को दर्ज कर सकते है।

Online Fraud se Kaise Bache

  • मजबूत पासवर्ड और Two-Factor Authentication का उपयोग करें
    अपने online accounts के लिए लंबे और मजबूत पासवर्ड बनाएं। हर अकाउंट के लिए अलग पासवर्ड रखें और जहां भी संभव हो, Two-Factor Authentication (2FA) एक्टिवेट करें।
  • संदिग्ध लिंक और कॉल्स से दूर रहें
    कभी भी अंजान लिंक पर क्लिक न करें और न ही किसी को OTP, PIN या बैंकिंग डिटेल्स बताएं। असली कंपनियां फोन या मैसेज पर ये जानकारी कभी नहीं मांगती।
  • सॉफ्टवेयर और ऐप्स को अपडेट रखें
    अपने मोबाइल, कंप्यूटर और apps को समय-समय पर अपडेट करते रहें। पुराने versions में security loopholes हो सकते हैं जिनका फायदा cyber criminals उठा सकते हैं।

निष्कर्ष

ऑनलाइन फ्रॉड से बचना मुश्किल नहीं है अगर आप सतर्क रहें और सही समय पर सही कदम उठाएं। अपराधी अक्सर आपकी जल्दबाज़ी और भरोसे का फायदा उठाते हैं, इसलिए हमेशा सोच-समझकर कोई भी जानकारी शेयर करें।

अगर फिर भी आपके साथ धोखाधड़ी हो जाए तो घबराएं नहीं—तुरंत बैंक, Cyber Crime Portal और हेल्पलाइन नंबर का उपयोग करें। याद रखें, सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है।

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