हर एक नए ट्रेडर की तरह, आँखों में बड़े सपने लेते हुए राहुल एक स्टॉक मार्केट का ऑनलाइन कोर्स के साथ जुड़ा। शुरुआत में राहुल बहुत खुश था उसे लगा उसका ट्रेडिंग करने का और एक सफल ट्रेडर बनने का सपना अब जल्द ही पूरा होगा, लेकिन वह नहीं जानता था कि एक बड़ी अनहोनी उसका इंतज़ार कर रही है।
कुछ दिन तो राहुल को उन Classes से काफी कुछ सीखने को मिला। राहुल ने कुछ ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी भी सीखी लेकिन उसके बाद Classes में सिर्फ टिप्स मिलने लगी। राहुल ने उन टिप्स के अनुसार ट्रेड किया और मुनाफा भी कमाया।
सब सही चल रहा था इसलिए राहुल ने कही पर इसकी शिकायत दर्ज नही की।
कुछ दिन के बाद Course Provider, जावेद ने राहुल को WhatsApp पर मेसेज किया और Institutional Trading के बारे में बताया। साथ ही बताया कि कैसे वह इस तरह के निवेश से जल्द ही मुनाफा कमा सकता है।
राहुल तब तक जावेद पर पूरी तरह भरोसा कर चुका था और उसके कहने अनुसार एक एप को डाउनलोड किया।
अब यहाँ पर भले ही राहुल ने जावेद पर विश्वास कर एप को डाउनलोड कर लिया था, लेकिन वह इस बात से पूरी तरह अनजान था कि Institutional Trading जैसा कुछ होता नहीं है।
राहुल ने शुरुआत में ट्रेडिंग को समझने के लिए रु 5,000 ही एप में डाले। अब ये फण्ड ट्रेडिंग अकाउंट में नहीं बल्कि जावेद के बैंक अकाउंट में ट्रान्सफर हो रहे थे क्योंकि जावेद के अनुसार वह अलग-अलग ट्रेडर के फण्ड का इस्तेमाल कर बड़ी वॉल्यूम में ट्रेड लेता है जिससे ट्रेडर को अधिक मुनाफा होता है।
अब जावेद को राहुल का और विश्वास जीतना था और इसलिए जब राहुल ने पहली बार मुनाफा कमाने के बाद कुछ पैसे निकाले तो वह सफल भी रहा।
अब क्या था राहुल ने बिना सोच-विचार किये रु 4,00,000 रुपये जावेद के अकाउंट में डाल दिए। जावेद ने वह फण्ड आईपीओ में निवेश करने के उद्देश्य से राहुल से लिए थे। कुछ समय बाद एप में दिखा की राहुल को वह आईपीओ मिल गया है और उसे 4 गुना ज्यादा मुनाफा हुआ है।
ये देखते हुए जैसे ही राहुल ने पैसा निकालने की कोशिश की वह पर एक Error आ गया। राहुल ने बिना देरी किये जावेद को कॉल किया जिसपर जावेद ने कहा की उसे मुनाफे का 30% टैक्स देना होगा यानी की राहुल को रु 4,80,000 और डालने होंगे।
लेकिन राहुल तो अपनी सभी जमा पूँजी पहले से ही निवेश कर चुका था।
अब ऐसी स्थिति में राहुल या उसके जैसे अन्य पीड़ित लोग क्या कर सकते है? क्या राहुल को उसका पैसा वापिस मिल सकता है?
ये सब काफी चीजों पर निर्भर करता है, जैसे:
- क्या जिस प्लेटफार्म से निवेश किया गया था वह एक सेबी रजिस्टर्ड प्लेटफार्म था?
- Scam होने के कितने समय बाद उसकी शिकायत दर्ज की गई?
- क्या पीड़ित के पास इस Fraud से जुड़े सबूत है?
अब राहुल के Case में जावेद ने पैसे मिलने के कुछ समय बाद राहुल को ब्लाक कर दिया। साथ ही राहुल ने देखा कि वह एप जिसमें उसने निवेश किया था वह अब प्ले स्टोर में है ही नहीं। यानी कि जावेद ने सिर्फ उसे और उसके जैसे कुछ लोगो को लूटने के उद्देश्य से वह एप बनाई थी।
अब ऐसे में ये तो साफ़ है की वह एप सेबी रजिस्टर्ड नहीं थी।
अब ऐसे में राहुल के सामने क्या रास्ता बचता है?
ऐसे स्थिति में Cyber Crime में Case दर्ज किया जा सकता है। आइये जानते है कि उसकी प्रक्रिया क्या होती है।
Cyber Crime में शिकायत कैसे दर्ज करें?
आज के समय में आप Cyber Crime पर कुछ आसान चरणों का पालन कर शिकायत ऑनलाइन दर्ज कर सकते है। इसके लिए सबसे पहले आपको साइबर क्राइम की वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होता है।
इसके बाद लॉग इन कर आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकते है।
यहाँ पर सारे स्टेप्स का विवरण दिया गया है:
- साइबर क्राइम की वेबसाइट पर जाए।
- अपनी जानकारी दर्ज कर रजिस्टर करें।
- लॉग इन कर फ्रॉड के प्रकार की सूची में से एक का चयन करें।
- हुए फ्रॉड को विस्तार में लिखे और Scammer का विवरण भी साथ में भरे।
- सभी दस्तावेज़ जैसे स्क्रीनशॉट और अन्य सबूत अपलोड करें।
निष्कर्ष
अब शिकायत दर्ज करना एक तरीका है, लेकिन इससे ये आश्वासन नहीं मिलता की आपका पैसा मिल ही जाएगा इसलिए ज़रूरी है कि आप अपने आप को ऐसे Scam से बचाए रखे। पैसा वापिस मिलना काफी बातो पर निर्भर करता है जैसे Scam कब हुआ था, पैसा ट्रान्सफर किये कितना समय हो गया, कितना बड़ा Scam है, आदि।
देखा गया है कि अगर आप पहले 1 हफ्ते में शिकायत दर्ज करते है तो पैसा मिलने की सम्भावना 60% तक बढ़ जाती है।
अब इस तरह से Scam से बचने के लिए ज़रूरी है कि आप ट्रेडिंग करने से पहले मार्केट कि रेगुलेशन से अवगत रहे। किसी भे ऐसे प्लेटफार्म पर ट्रेड न करें जो सेबी रजिस्टर्ड न हो। साथ ही जल्द पैसा कमाने कि लालच से दूर रहे।
मार्केट में धेर्य से काम ले और किसी के जल्दी होने या हाई रिटर्न जैसे वादों के शिकार होने से बचे।