Hold Amount Ko Unhold Kaise Kare?

Hold Amount Ko Unhold Kaise Kare

मान लीजिए आपने ₹50,000 किसी ऐसे trading app में लगाने के लिए भेज दिए, जिसे आप पूरी तरह genuine समझ रहे थे। सामने वाला व्यक्ति जल्दी मुनाफ़े का भरोसा दिला रहा था।

कुछ दिन बाद आपको एहसास होता है कि यह सब झूठ था।

आपका पैसा चला गया।

इसके बाद आप cyber crime की शिकायत दर्ज करते हैं और कुछ समय बाद एक मैसेज आता है: amount hold by cyber crime
पैसा उसी अकाउंट में मौजूद है, लेकिन वह freeze हो चुका है। आप उसे निकाल नहीं सकते।

एक तरफ़ सुकून होता है कि fraud करने वाला पकड़ में आ गया, लेकिन दूसरी तरफ़ यह उलझन रहती है कि अब यह पैसा वापस कैसे मिलेगा।

यह ब्लॉग इसी उलझन को दूर करने के लिए है, कि आगे क्या होता है और किन सही steps को follow करके आप अपने hold हुए पैसे को वापस पाने की कोशिश कर सकते हैं।

Cyber Crime Amount Hold क्यों हुआ?

जब आप किसी cyber fraud की शिकायत पुलिस या cyber crime cell में दर्ज करते हैं, तो उसके बाद जांच शुरू होती है।

सबसे पहले यह पता लगाया जाता है कि आपका पैसा कहाँ गया। 

आमतौर पर जांच के दौरान scammer के बैंक अकाउंट या उन कई अकाउंट्स को trace किया जाता है, जिनमें आपका पैसा transfer हुआ होता है।

इसके बाद cyber crime cell बैंक को निर्देश देता है कि इन अकाउंट्स को freeze कर दिया जाए, ताकि fraud करने वाला व्यक्ति पैसे निकालकर भाग न सके।

यह एक तरह से अच्छी खबर होती है, क्योंकि इससे आपका पैसा कहीं गायब होने से बच जाता है। लेकिन साथ ही यह पैसा लॉक भी हो जाता है, क्योंकि अब उसे केस से जुड़ा “evidence” माना जाता है।

यहीं पर confusion शुरू होती है। पैसा मौजूद होता है, लेकिन वह अपने आप वापस नहीं आता। 

तब यह सवाल उठता है कि क्या cyber crime में पैसा वापस मिलता भी है?

जवाब है: हाँ, मिल सकता है। 

लेकिन इसके लिए आपको एक कानूनी प्रक्रिया से गुजरना होता है, जिसमें यह साबित करना पड़ता है कि hold किया गया पैसा आपका ही है, और फिर अदालत से उसे आपके अकाउंट में वापस करने का आदेश लिया जाता है।

Hold Amount Ko Unhold Kaise Kare in Hindi

यही वह बात है जो ज़्यादातर victims को सबसे ज़्यादा परेशान करती है। 

अक्सर मन में आता है:“पुलिस के पास तो सबूत है कि मैं ही victim हूँ, फिर मेरा पैसा तुरंत वापस क्यों नहीं मिल रहा?”

इसका जवाब हमारे कानूनी सिस्टम के तरीके में छुपा है। कानून की नज़र में, freeze किया गया अकाउंट अब सिर्फ आपका पैसा नहीं माना जाता।

मान लीजिए scammer ने पाँच अलग-अलग लोगों से कुल ₹10 लाख ठगे, लेकिन उसके अकाउंट में सिर्फ ₹5 लाख ही बचे हैं। ऐसे में उन ₹5 लाख पर पाँचों victims का हक बनता है।

यहीं से कानूनी उलझन शुरू होती है। अब कोर्ट को यह तय करना होता है कि पैसा किसे मिले, किस क्रम में मिले और किस आधार पर मिले।

इसके अलावा, वह पैसा scammer के खिलाफ चल रहे criminal case का “evidence” भी माना जाता है। इसलिए जांच पूरी होने या कोर्ट के साफ़ आदेश के बिना उस रकम को रिलीज़ नहीं किया जा सकता।

इसी वजह से सही कानूनी प्रक्रिया अपनाना ज़रूरी होता है। सिर्फ इंतज़ार करते रहने से पैसा अपने आप अकाउंट में वापस नहीं आ जाता।

Step 1: Hold Amount की पूरी जानकारी लें

सबसे पहले उस cyber crime police station जाएँ जहाँ आपकी complaint handle हो रही है। वहाँ से आपको hold हुए पैसे से जुड़ी पूरी details लेनी होंगी।

इसमें यह जानकारी शामिल होती है:

  • कौन-सा बैंक और कौन-सी branch है
  • जिस अकाउंट में पैसा freeze किया गया है उसका नंबर
  • कितनी exact रकम hold पर है
  • लिखित confirmation कि अकाउंट officially freeze है
  • आपके case के Investigating Officer (IO) का नाम और contact number

यह सारी जानकारी बहुत ज़रूरी होती है, क्योंकि आगे court में application देने और पैसा release कराने की प्रक्रिया इन्हीं details के आधार पर आगे बढ़ती है।

Step 2: Police को Written Claim दें

अगला कदम है Investigating Officer (IO) को एक formal written application देना। 

इसमें साफ़-साफ़ यह बताना ज़रूरी होता है कि:

  • आप इस cyber fraud के victim हैं
  • जो पैसा freeze किया गया है, वह आपका ही है
  • पैसा कब, कैसे और किसके पास transfer हुआ था
  • आप अपने पैसे की recovery में पुलिस की मदद चाहते हैं

इस application के साथ कुछ ज़रूरी documents attach करने होते हैं, जैसे:

  • बैंक स्टेटमेंट, जिसमें fraud वाली transaction दिखाई दे
  • scammer के साथ हुई chats या emails
  • fake app, website या link के screenshots
  • FIR number और complaint acknowledgement

ध्यान रखें, जो भी document या application आप submit करें, उसकी एक copy अपने पास ज़रूर रखें। आगे की legal प्रक्रिया में यही आपकी सबसे बड़ी मदद बनेगी।

Step 3: Investigation Report का इंतज़ार करें

अब cyber crime cell आपके case की जाँच करता है। इस दौरान वे यह verify करते हैं कि:

  • जो पैसा freeze किया गया है, वह सच में fraud से जुड़ा हुआ है या नहीं
  • आप genuine victim हैं या नहीं
  • उस पैसे पर किसी और का भी claim तो नहीं है

यह verification process आमतौर पर 2 हफ्तों से लेकर 2 महीनों तक का समय ले सकती है।

अगर आपको लगता है कि बिना वजह delay हो रहा है, तो आप:

  • Investigating Officer के साथ regular follow-up कर सकते हैं
  • या फिर RTI डालकर अपने case की current status की जानकारी ले सकते हैं

सही follow-up करने से process track पर बनी रहती है और unnecessary रुकावटें कम होती हैं।

Step 4: Bank Hold (Lien) को समझें

जैसे ही पुलिस किसी अकाउंट को freeze करती है, बैंक उस अकाउंट पर lien लगा देता है। 

इसका मतलब होता है कि:

  • उस अकाउंट से पैसे निकाले नहीं जा सकते
  • किसी दूसरे अकाउंट में transfer भी नहीं किया जा सकता
  • पैसा तभी release होता है, जब कोर्ट का लिखित आदेश मिले

यह व्यवस्था victims के पैसे को सुरक्षित रखने के लिए होती है, ताकि scammer उसे इस्तेमाल न कर सके।
लेकिन इसी वजह से court की involvement ज़रूरी हो जाती है, क्योंकि बैंक अपने level पर यह hold हटाने का अधिकार नहीं रखता।

Step 5: Magistrate Court में Application लगाएँ

पैसा वापस पाने की प्रक्रिया का यह सबसे अहम चरण होता है।

किसी वकील या legal aid की मदद से Magistrate’s Court में एक application दाख़िल की जाती है, जिसमें freeze किए गए amount को release करने की request की जाती है।

इसके लिए एक पूरी document file तैयार करनी पड़ती है, जिसमें आमतौर पर ये चीज़ें शामिल होती हैं:

  • आपकी ID proof (जैसे Aadhaar या Passport)
  • बैंक statements
  • fraud से जुड़े सबूत जैसे messages, screenshots आदि
  • FIR की copy
  • पुलिस या cyber crime cell से हुआ correspondence
  • एक लिखित explanation, जिसमें fraud की पूरी कहानी और उससे हुई financial परेशानी बताई जाती है

कोर्ट इन सभी documents को देखकर यह तय करती है कि hold किया गया पैसा आपको वापस दिया जाना चाहिए या नहीं।

Step 6: Court Hearing में पेश हों

कोर्ट द्वारा दी गई तारीख़ पर आपको सुनवाई के लिए उपस्थित होना होता है।

इस दौरान जज:

  • आपसे कुछ सवाल पूछ सकते हैं
  • पुलिस से clarification माँग सकते हैं
  • यह जानना चाह सकते हैं कि क्या इस पैसे पर किसी और victim का भी claim है

सभी facts और documents देखने के बाद कोर्ट कोई आदेश देती है। या तो:

  • पैसा आपके अकाउंट में release करने का आदेश दिया जाता है।
  • या फिर मामले में और जाँच के निर्देश दिए जाते हैं।

जो भी directions कोर्ट दे, उन्हें ध्यान से follow करना बहुत ज़रूरी होता है।

Step 7: Court Order बैंक में जमा करें

अगर कोर्ट का फैसला आपके पक्ष में आता है, तो अगला कदम बैंक से जुड़ा होता है।

इसके लिए:

  • कोर्ट के आदेश की certified copy लें
  • उसे संबंधित बैंक branch में जमा करें
  • बैंक मैनेजर से मिलकर amount release करने का अनुरोध करें

बैंक कानूनी तौर पर कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए बाध्य होते हैं। आमतौर पर कुछ working days के भीतर पैसा आपके अकाउंट में credit कर दिया जाता है।

अगर इसके बावजूद delay होता है, तो regular follow-up करना ज़रूरी है, ताकि process आगे बढ़ता रहे।

क्या Court Hearing हर बार ज़रूरी होती है?

ज़्यादातर मामलों में हाँ, लेकिन हर परिस्थिति में एक-सा नियम नहीं होता।

जब किसी रकम पर “hold by cyber crime” लगाया जाता है, तो उसे release कराने के लिए आमतौर पर Magistrate Court का आदेश ज़रूरी होता है।

हालाँकि, इसका मतलब यह नहीं है कि हर बार victim को खुद कोर्ट में मौजूद रहना ही पड़े। 

कई मामलों में documents और police report के आधार पर hearing पूरी हो सकती है, या वकील के ज़रिये पेशी हो जाती है।

कुछ परिस्थितियों में आपको खुद कोर्ट में पेश होने की ज़रूरत नहीं पड़ती। 

जैसे:

  • Single victim case: अगर इस मामले में सिर्फ़ एक ही victim है और यह साफ़ तौर पर साबित हो जाता है कि freeze किया गया पैसा आपका ही है, तो कोर्ट आपके वकील के ज़रिये ही रकम release करने की अनुमति दे सकती है। ऐसे मामलों में बार-बार आपको बुलाने की ज़रूरत नहीं पड़ती।
  • कम रकम और जल्दी recovery: अगर amount छोटा है, पैसा समय रहते freeze कर लिया गया था और पुलिस यह confirm कर देती है कि उस पर किसी और का claim नहीं है, तो जज सिर्फ़ documents के आधार पर ही आदेश दे सकते हैं।
  • Police की recommendation: कुछ rare मामलों में, जाँच पूरी होने के बाद पुलिस खुद कोर्ट से यह request करती है कि पैसा victim को वापस कर दिया जाए। ऐसे में कोर्ट आपको बुलाए बिना भी आदेश पास कर सकती है।
  • Personal hardship: बुज़ुर्ग victims, दूसरे शहर में रहने वाले लोग, या जिनको medical या genuine personal परेशानियाँ हों, उन्हें कोर्ट अक्सर personal appearance से छूट दे देती है।

यह बात समझना ज़रूरी है कि इन सभी स्थितियों में भी court order ज़रूरी रहता है। 

फर्क सिर्फ़ इतना होता है कि आपको physically कोर्ट में मौजूद रहने की आवश्यकता नहीं पड़ती।

निष्कर्ष

“Amount held by cyber crime” पढ़कर बात गंभीर ज़रूर लगती है, लेकिन इसमें एक सुकून वाली बात भी छुपी होती है आपका पैसा अब सुरक्षित है।

इस स्थिति में आपकी कोई गलती नहीं थी, गलती scam करने वाले की थी। हाँ, पूरा process समय और धैर्य माँगता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप बेबस हैं।

आप सवाल पूछ सकते हैं, ज़रूरी documents की copies माँग सकते हैं और किसी वकील या भरोसेमंद व्यक्ति की मदद से सही कानूनी रास्ता अपना सकते हैं।

सबसे ज़रूरी बात है घबराना या मामले को नज़रअंदाज़ करना नहीं। चुप रहना या पीछे हट जाना अक्सर स्थिति को और बिगाड़ देता है।

इसलिए शांत रहें, अपने बैंक से बात करें, cyber crime cell के संपर्क में रहें और इस ब्लॉग में बताए गए आसान steps को follow करें।

और यह जानकारी अपने माता-पिता, जीवनसाथी और दोस्तों के साथ ज़रूर साझा करें, क्योंकि सही समय पर उठाया गया एक सही कदम किसी की पूरी जमा-पूँजी को बचा सकता है।

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