क्या आप स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाह रहे है और शुरुआत में एक Investment Advisor से सलाह लेने की सोच रहे है?
ये एक अच्छा निर्णय है!
अगर सेबी के डाटा को देखे तो आज के समय में लगभग 1300 रजिस्टर्ड Investment Advisor है जो आपको व्यक्तिगत सलाह प्रदान कर आपके निवेश के सफ़र को आसान बनाते है।
लेकिन यहाँ एक बड़ा सवाल आकर खड़ा हो जाता है!
आप इतने सारे Investment Advisors में से एक सही सलाहकार को कैसे चुनेंगे?
ये एक स्टॉक ब्रोकर के चयन से भी ज्यादा मुश्किल है क्योंकि सेबी अपने रजिस्टर्ड IA की सर्विस का कोई भी डाटा प्रदान नहीं करता है।
तो ऐसे में ये और भी ज़रूरी हो जाता है कि आप पूरी जांच और जानकारी लेने के बाद ही एक Investment Advisor को चुने।
यहाँ पर कुछ ऐसे कारक का विवरण दिया गया है जिससे आप अपने लिए पूरी सावधानी और जानकारी के साथ रजिस्टर्ड Investment Advisor को आसानी से चुन सकते है और अगर आप किसी IA से सर्विस ले रहे है तो सही समय पर सतर्क हो सकते है।
IA ने फीस लेने के लिए क्या विकल्प प्रदान किया है?
अब आज के डिजिटल पेमेंट के समय में बहुत से शुरूआती ट्रेडर और निवेशक इस बात पर बिलकुल गौर नहीं करते कि उनका Investment Advisor किस तरह से फीस प्राप्त कर रहा है।
बहुत ही छोटी से बात लगती है, नहीं!
लेकिन अगर आप सेबी के रेगुलेशन को सही से देखेंगे तो उसमे ये साफ़-साफ़ लिखा है कि Investment Advisor सिर्फ NEFT/RTGS/UPI, Cheque, या Demand Draft के माध्यम से ही फीस प्राप्त कर सकता है।
ये रेगुलेशन एक निवेश और ट्रेडर के हित के लिए ही बनाई गयी है जिससे उनके साथ किसी भे तरह का वितीय स्केम या फ्रॉड न हो।
तो अगर आपको Investment Advisor किसी और माध्यम से payment लेता है तो वही पर रुक जाए और तुरंत सेबी में रिपोर्ट करें।
हालिं में सेबी ने एक इस रूल के उलंघन करने पर Investment Advisory कंपनी Bharosa Technoserve Pvt. Ltd., पर पेनल्टी लगायी है, जो ट्रेडर से Razorpay के माध्यम से फीस ले रहा था। अब इसका पालन करना सिर्फ IA की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि एक ट्रेडर और निवेशक की भी है।
क्या आपका Investment Advisor KYC कर रहा है?
स्टॉक मार्केट में किसी भे तरह कि रजिस्टर्ड सर्विस लेने के लिए जारूरी है की आप सारे नियमो का पालन करें।
जिस तरह से एक स्टॉक ब्रोकर के साथ अकाउंट खोलते समय आप KYC करवाते है उसी तरह से Investment Advisor कि सर्विस लेते समय भे आपको अपना आधार कार्ड और पैन कार्ड को सत्यापित ज़रूर करवाए।
अब आप में से काफी लोग इसकी ज़रुरत और अहमियत पर प्रशन कर रहे होंगे।
तो आपको बता डे कि एक Investment Advisor आपको निवेश करने की व्यक्तिगत सलाह देता है। ऐसे में आपकी जानकारी जैसे कि आपकी आयु, आपकी इनकम आसानी से आधार और PAN कार्ड के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है।
अब इसी जानकारी के आधार पर एक Investment Advisor आपको Growth, Balanced और Conservative Investors कि श्रेणी में डालता है।
इसके साथ KYC एक एडवाइजर और ट्रेडर के बीच विश्वास को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे पारदर्शिता और लम्बे समय तक ट्रेडर-एडवाइजर के सम्बन्ध bane रहते है।
अब कई बार अवगत होते हुए भे एडवाइजर और ट्रेडर इसे करना ज़रूरी नहीं समझते लेकिन आपको बता दे की यह चरण Anti-Money Laundering (AML) regulation का पालन करने के लिए बहुत महतवपूर्ण होता है।
क्या आपके Investment Advisor ने जोखिमो का मूल्यांकन किया है?
क्या आपके Investment Advisor ने जोखिमों का मूल्यांकन किया है?
आप में से काफी ट्कोरेडर को Investment Advisor के रोल की पूरी जानकारी नहीं होगी, और इसी बात का फायदा बहुत से एडवाइजर उठा लेते है, जिससे बाद में आपको काफी नुकसान कि भरपाई करनी होती है।
आपकी जानकारी के लिए बता डे कि एक सेबी रजिस्टर्ड Investment Advisor वह व्यक्ति होता है जो निवेशको और ट्रेडर्स के जोखिम, वित्तीय लक्ष्य, कैपिटल के आधार पर व्यक्तिगत ट्रेडिंग की सलाह देता है।
अब इसके लिए एडवाइजर शुरुआत में अपने निवेशको से कुछ प्रशन करता है और प्राप्त हुए सभी जवाबो का एक डॉक्यूमेंट तेयार करता है जिसे वह अपने पास रखता और साथ में आपके साथ भे शेयर करता है।
अब इसी डॉक्यूमेंट के आधार पर वह आपको आगे चलकर ट्रेडिंग और निवेश करने की सालाह देता है। लेकिन कई ट्रेडर्स को ये जानकारी नहीं होती और एडवाइजर एक जैसी ट्रेडिंग टिप्स अपने साथ जुड़े सभी ट्रेडर और निवेशकों को डे देता है।
अब मान लो की आपके जोखिम लेने कि क्षमता अन्य ट्रेडर से कम है और आपको आपका एडवाइजर हाई रिस्क स्टॉक कि टिप्स दे।
सोच कर ही डर लग रहा है न!
बस इसी तरह कि स्थिति से बचने के लिए ध्यान रखे की आपका Investment Advisor आपके जोखिमो का आंकलन ज़रूर करें।
क्या आपका एडवाइजर का पंजीकरण SCORES पर है?
अब वैसे तो सेबी अपने एडवाइजर और रिसर्च एनालिस्ट की सर्विस का डाटा प्रदान नहीं करता लेकिन वह अपनी वेबसाइट पर सभी रजिस्टर्ड एडवाइजर का नाम, रजिस्ट्रेशन नंबर, और अन्य जानकारी प्रदान करता है।
इससे एक ट्रेडर किसी भे एडवाइजर कि सर्विस लेने से पहले पूरी जांच कर सकता है और साथ में किसी भे तरह का Scam या Fraud होने पर SCORES पर उस एडवाइजर की शिकायत भी दर्ज कर सकता है।
इससे एक ट्रेडर अपने आप को नकली एडवाइजरी सर्विस से दूर रख सकता है।
लेकिन जरा सोचिये की एक रजिस्टर्ड एडवाइजर की जानकारी सेबी पर हो ही ना तो?
Bharosa Technoserve Pvt. Ltd को इसी रेगुलेशन को तोड़ने पर सेबी ने जुर्माना लगाया है। ऐसे case को देखते हुए और भे ज़रूरी हो जाता है कि एक ट्रेडर पूरी सावधानी और जानकारी के बाद ही किसी भे तरह कि एडवाइजरी सर्विस लेने के लिए पंजीकरण करें।
क्या आपका एडवाइजर आपको Third-Party सर्विस लेने के लिए कह रहा है?
कई बार ऐसा होता है कुछ एडवाइजर किसी ब्रोकर या अन्य प्लेटफार्म के साथ पार्टनरशिप कर लेते है और अपने साथ जुड़े ट्रेडर को उनकी सर्विस लेना अनिवार्य कर देते है।
लेकिन अगर सेबी के रेगुलेशन कि बात की जाए तो एक IA या कोई भे रजिस्टर्ड कंपनी अपने क्लाइंट पर थर्ड पार्टी प्रोडक्ट या सर्विस उपयोग करने का दबाव नहीं डाल सकती।
आपके मन में फिर वही सवाल आ रहा होगा की ये क्यों ज़रूरी है?
तो आपको बता दे की चाहे आप एक रजिस्टर्ड एडवाइजर के माध्यम से किसी और प्लेटफार्म के साथ जुड़े हो लेकिन अगर उस प्लेटफार्म में आपके साथ किसी तरह का Fraud होता है तो आप सेबी में उसकी शिकायत नहीं कर सकते।
इसलिए अपने आप को किसी भी तरह कि मुश्किल या नुकसान से बचाने के लिए इन सब बातो का ध्यान रखकर ही एक रजिस्टर्ड एडवाइजर कि सेवाएँ ले।
निष्कर्ष
इसमें कोई दो राय नहीं है कि एक शुरूआती ट्रेडर के लिए सही एडवाइजरी सर्विस लेना काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है लेकिन अगर कुछ समय रेगुलेशन को समझने में लगा दी जाए तो आप आगे चलकर अपने आप को एक बड़े नुकसान से बचा सकते है।
पूरी जानकारी और जागरूकता के साथ स्टॉक मार्केट में किसी भी तरह कि सर्विस लेना आपको एक बेहतर ट्रेडर बनने में भी काफी लाभदायक साबित होता है।
तो सतर्क रहे और अगर आपका एडवाइजर ऊपर दिए गए कारको में से किसी एक का भी उलंघन करता है तो बिना किसी देरी के सेबी के SCORES पोर्टल पर उसकी शिकायत दर्ज करें।
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