हालिं में आपने खबरों में सुना होगा कि Telegram के CEO पावेल डूरोव को गिरफ्तार कर लिया गया है। अब इसका सबसे बड़ा कारण जो सामने आया है वह ये है कि Telegram से कई तरह के Scam सामने आये है जिसका दोषी उसके CEO को ही ठहराया गया है।
इन बड़ते हुए Scam में इंडिया भी पीछे नहीं है। साल 2024 की बात की जाए तो इसी साल में लगभग 62,000 Investment Scam हो चुके है जिनकी कुल नुकसान की राशि रु220 करोड़ है। अब इनमे से ज़्यादातर धोखाधड़ी Telegram प्लेटफार्म से ही हुई है।
आइये जानते है कि ये Scam कैसे शुरू होते है, कैसे दो लोगो ने Telegram में एक गलत ग्रुप से जुड़कर अपना नुकसान किया और अंत में जाने कि अगर आप Telegram का इस्तेमाल करते है तो कैसे इससे अपने आप को बचा सकते है।
कैसे होती है Telegram Scam की शुरुआत?
ज़्यादातर टेलीग्राम से जुड़े फ्रॉड और धोखाधड़ी सोशल मीडिया से शुरू होती है जहाँ पर ज़्यादातर लोग Scammer द्वारा पोस्ट किये गए Fake PnL से प्रभावित होते है और उनकी तरह ही कम समय में ज्यादा पैसा कमाना चाहते है।
अब अपने इस सपने को पूरा करने के लिए वह उस Ad या पोस्ट पर क्लिक करते है और फिर पैसा देकर Scammer के प्रीमियम ग्रुप से जुड़ते है। अब इन प्रीमियम ग्रुप में या तो टिप्स प्रदान की जाती है या फिर क्लोन ट्रेडिंग एप को डाउनलोड करने का लिंक।
दोनों में से कुछ भी हो अंत में उस ग्रुप से जुड़े लोगो को सिर्फ नुकसान ही होता है।
आइये ऐसे कुछ Cases की चर्चा करें जहाँ पर ऐसे ही कुछ Scam के चलते कुछ लोगो ने काफी बड़ी वैल्यू में अपनी पूँजी का नुकसान किया।
कैसे एक निवेशक ने Telegram Scam में रु 5 लाख गवाएं!
अखिलेश (बदला हुआ नाम) की कहानी 2024 के अप्रैल महीने से शुरू होती है। एक दिन, उन्होंने टेलीग्राम पर एक प्रीमियम ग्रुप जॉइन किया, जहाँ ग्रुप एडमिन ने रोज़ स्टॉक मार्केट टिप्स दिए।
अखिलेश ने इन टिप्स का उपयोग करके अपने डीमैट अकाउंट से ट्रेडिंग शुरू की। शुरुआत में, उन्हें कुछ दिन मुनाफा हुआ, तो कुछ दिन नुकसान। यह उतार-चढ़ाव भरा अनुभव था, लेकिन अखिलेश को उम्मीद थी कि समय के साथ वह अच्छी कमाई करेंगे।
कुछ हफ्तों बाद, ग्रुप एडमिन ने एक लिंक साझा किया, जो अखिलेश को एक नई ट्रेडिंग ऐप डाउनलोड करने के लिए रीडायरेक्ट कर गया। उन्हें इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि यह एक क्लोन ट्रेडिंग ऐप है। बिना ज्यादा सोचे-समझे, उन्होंने ऐप डाउनलोड कर लिया और उसी पर ट्रेडिंग जारी रखी।
अखिलेश ने शुरुआत में ₹10,000 से ट्रेडिंग शुरू की, लेकिन जैसे-जैसे उनका आत्मविश्वास बढ़ता गया, उन्होंने इसमें और पैसा लगाना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे, उन्होंने कुल ₹5 लाख 76 हजार तक की राशि निवेश कर दी।
उनकी सबसे बड़ी गलती यह थी कि उन्होंने कभी भी अपने मुनाफे या पूंजी को निकालने की कोशिश नहीं की। उन्हें लगा कि उनका पैसा सुरक्षित है और बड़े मुनाफे की उम्मीद में उन्होंने इसे ऐप में ही पड़ा रहने दिया।
सब कुछ सही चल रहा था, लेकिन फिर 20 मई के बाद जब अखिलेश ने पहली बार अपने खाते से पैसे निकालने की कोशिश की, तो उनका ट्रांजैक्शन अस्वीकार हो गया। बार-बार कोशिश करने के बावजूद, पैसे वापस नहीं आए। अब अखिलेश को समझ आया कि कुछ गड़बड़ है।
अखिलेश ने तुरंत साइबर क्राइम में शिकायत दर्ज की। उनकी शिकायत पर जांच शुरू हुई और पता चला कि स्कैमर्स ने उनके पैसे अपने बैंक अकाउंट में डाल लिए थे। उनकी राशि फिलहाल होल्ड पर है, लेकिन अखिलेश अभी भी अपनी मेहनत की कमाई वापस पाने का इंतजार कर रहे हैं।
अखिलेश की कहानी एक चेतावनी है कि किसी भी अनजान स्रोत से ऐप्स या सॉफ़्टवेयर डाउनलोड करने से पहले सतर्क रहें। इंटरनेट पर मौजूद धोखाधड़ी के जाल से बचने के लिए सही जानकारी और जागरूकता बेहद जरूरी है।
एक और निवेशक जिसने Telegram Fraud में अपने पैसो का नुकसान किया!
एक और मामला अनुराग (बदला हुआ नाम) का है, जहाँ उन्होंने जल्दी मुनाफा कमाने के लिए वह एक टेलीग्राम ग्रुप से जुड़े।
इस ग्रुप में उन्हें स्टॉक मार्केट में निवेश के टिप्स और तेज़ी से पैसे कमाने के तरीके दिए जाते थे। पिछले मामले की तरह ही, अनुराग को भी एक ट्रेडिंग ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा गया, जहाँ स्कैमर ने दावा किया कि वे मार्केट प्राइस से कम कीमत पर शेयर खरीदते और बेचते हैं।
अनुराग ने बिना सोचे-समझे ऐप डाउनलोड कर लिया, जो असल में एक क्लोन ट्रेडिंग ऐप था। स्कैमर ने हर दिन नकली मुनाफे दिखाकर अनुराग को विश्वास में ले लिया। अनुराग को लगा कि वह सही रास्ते पर है और अच्छा मुनाफा कमा रहा है।
फिर स्कैमर ने और अधिक पैसा कमाने के लालच में अनुराग से एक आईपीओ में ₹3,00,000 का आवेदन करने को कहा। अनुराग के पास इतने पैसे नहीं थे, इसलिए उन्होंने मना कर दिया। इस पर स्कैमर ने उन्हें खुद से लोन लेने की पेशकश की।
अनुराग ने ₹1,00,000 का निवेश किया, जिसके बाद स्कैमर ने क्लोन ऐप में पैसो कि वैल्यू को बदलकर उन्हें नकली लाभ दिखाया। कुछ ही दिनों बाद, स्कैमर ने अनुराग को बताया कि उन्होंने ₹10,00,000 का आईपीओ जीत लिया है। अनुराग ने जब उस रकम को निकालने की कोशिश की, तो स्कैमर ने पहले उन्हें लोन की राशि चुकाने को कहा।
अनुराग ने आग्रह किया कि उनकी लोन की राशि मुनाफे से काट ली जाए और बाकी पैसे उन्हें निकालने दिए जाएं। लेकिन स्कैमर ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। इतना ही नहीं, फर्जी ऐप ने अनुराग को उसकी जमा की हुई राशि भी वापस निकालने नहीं दी।
और इस तरह, एक और व्यक्ति इस धोखाधड़ी का शिकार हो गया।
आप खुद को Telegram Fraud से कैसे बचाए?
निवेश और ट्रेडिंग कि दुनिया में Telegram Scam कई तरह से हो रहे है और इसके लिए ज़रूरी है कि आप सही जानकारी के साथ और जागरूकता के साथ कोई भी निर्णय ले।अगर आप एक रजिस्टर्ड प्लेटफार्म के साथ जुड़े है तो वहां भी ज़रूरी है कि आप सेबी के नियमो से जागरूक रहे।
अपने आपको इस तरह की धोखाधड़ी से बचाने के लिए निम्नलिखित टिप्स का पालन करें:
- किसी भी अज्ञात WhatsApp या Telegram ग्रुप से न जुड़े।
- किसी भे तरह कि निवेशिक या ट्रेडिंग टिप का बिना विश्लेषण किय पालन न करें।
- सेबी कि रेगुलेशन से जागरूक रहे।
अब इन टिप्स का पालन करें और सतर्क रहे। और अगर किसी भी तरह आप ऐसे धोखाधड़ी सिके शिकार होते है तो Cyber Crime में शिकायत को दर्ज कर सकते है।